Hatho me apne gulal rakhna book and story is written by Neha Agrawal neh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Hatho me apne gulal rakhna is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हाथों में अपने गुलाल रखना
Neha Agarwal Neh
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
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विवरण
वाट्सएप पर मैसैस आते ही प्रियम के चेहरे पर बारिश की पहली बूँद जैसी मुस्कान आ गयी थी ....प्रिया का मैसेस था ..." हम आयेगें इन्तजार करना हाथों में अपने गुलाल रखना "प्रियम ने भी मुस्कुरा कर जल्दी से रिप्लाई किया ..।" अरे आप आये तो पहले जल्दी से हमारी शरीकेहयात जी ....हम यहाँ पलके बिछायें आपका इन्तजार कर रहें है ।"" एक तो यह आपका नेटवर्क ...फोन पर बात हीं नहीं हो रही है । पता है हमें की ट्रेन दो घन्टे लेट है पर हम अभी से स्टेशन आ गये है ,जानता हूँ मैं आप मुझे पागल कहेगीं ,,पर
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