दोहा - कहें सुधीर कविराय Sudhir Srivastava द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें दोहा - कहें सुधीर कविराय Doha - Say Sudhir Kavirai book and story is written by Sudhir Srivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Doha - Say Sudhir Kavirai is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दोहा - कहें सुधीर कविराय Sudhir Srivastava द्वारा हिंदी कविता 153 618 दोहा - कहें कविराय सुधीर ********युवा, नशा, नाश, अंजान, तन******युवा नशे में चूर हैं, अभी न उनको ज्ञान।नशा नाश उनका करे, इससे वो अंजान।।*****धन, धनिक, धनवान, कुबेर, पाखंड********धन का तुझे गुरुर क्यों, और धनिक भी लोग।कूछ धन तू भी ...और पढ़ेगया, शायद ये संयोग ।। धनिक न होते लोग वे, जो धन से धनवान।कहते उनको सब धनिक, जिस तन नही हो मान।। धनिक उसे ही मानते, जिनको नहीं घमंड।धन कुबेर उनको नहीं, जो करते पाखंड।।******आदि,अंत******आदि अंत को भूल जा, कर तू अपना काम।सत्य मार्ग तू चल सदा, चमकेगा तव नाम।।******परीक्षा, परिधान*******भागोगे कब तक भला,छुडा परीक्षा जान।पास फेल हरपल सदा, जीवन कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें दोहा - कहें सुधीर कविराय अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी