यादें.. सुनो! बारिशों में तुम्हारा ख़्याल आता है।तुम कहां हो,कैसे हो, अब कब आओगे अक्सर ये सवाल ...
"पता है बारिशों में मैं सब कुछ भुल जाता हूं, ये रंगतें, ये बहार, हरियाली और उसमें तुम्हारा हाथ ...
कुछ बातें हम दिल के किसी कोने में छूपा देते हैं,और इतने गहरे से बांधते हैं कि वो दोबारा ...