अगले दिन जब सुबह की तरोताज़ा हवा के बीच दशाश्वमेध घाट पर राघव की तारा से मुलाकात हुई तब ...
'होली आयी रे कन्हाई, रंग बरसे बजा दे ज़रा बाँसुरी...' सुबह के दस बज रहे थे जब 'वैदेही गेम्स ...
"त्राहिमाम, प्रभु, त्राहिमाम" कैलाश की सुरम्य वादियों में एक वेदना भरा नारी स्वर गूँजा। "अरे ये तो देवी पृथ्वी ...
सुबह अलसाई हुई आई थी। लेकिन पंछियों ने उसका ऐसा स्वागत किया था कि उसमें एक नया जोश पैदा ...
अपना अंतिम पर्चा खत्म करके जैसे ही नैना परीक्षा-भवन से निकली उसकी सहेलियों ने उसे घेर लिया। "अरे सुन ...