jagGu Parjapati ️ stories download free PDF

कलयुग: पाप और पुण्य

by jagGu Parjapati ️
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नोट:-- यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक तथा हमारे द्वारा स्वरचित है। कलयुग अपनी चरम सीमा पर तैनात था...मानो अब तो ...

मैं भाई नहीं हूँ तेरा.

by jagGu Parjapati ️
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( यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है।)बात कुछ ज्यादा पुरानी तो नहीं है, बस यहीं कुछ सन् 1940 के आस ...

नक्षत्रा का पंछी

by jagGu Parjapati ️
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उन सर्द रातों में अगर कोई घर की छत पर जाए तो ... उस अंधेरे आसमान में हजारों पक्षियों ...

मेरी व्हाटस्प् वाली विश!

by jagGu Parjapati ️
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नोट: कहानी केवल कल्पना मात्र है! शुरुआत से ही मुझे सोशल मिडिया से अच्छा खासा लगाव रहा है... लेकिन ...

पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत।

by jagGu Parjapati ️
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?? पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत ?? "रे चंदन!!" सुबह सुबह अपने रोजमर्रा के काम पर जाते हुए ...

आख़िरी मुलाक़ात।️

by jagGu Parjapati ️
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"तो तुम भी यही मानती हो कि ये सब हमारी वजह से हुआ है ??" "हां बिल्कुल क्यूं नहीं ...