हरनाम सिंह ने पत्र खोल कर पढ़ना शुरु किया। आदरणीय पापा जी, बी’जी पैरीं पैना ! भला कौन जानता था कि कभी ...
इम्तिहान भले ही किसी भी स्तर का हो, उसका असर विद्यार्थियों पर किसी भूत सा ही होता है। यह ...
सतनाम बताए जा रहा था, ‘‘वैसे हालात में आस-पडोस के बाकी लोग तो तमाशबीन बने चुपचाप रहे, लेकिन पड़ोस ...
विक्की के चले जाने से उस शाम गुरनाम अकेला था। वह अपने घर के गेट पर खड़ा यूँ ही ...
गुरनाम और विक्की जब भी घर पर होते हैं, उनकी शामें बस स्टैण्ड पर बने यात्री पड़ाव वाली सीमेंट ...
गुरनाम और विक्की जब भी घर पर होते हैं, उनकी शामें बस स्टैण्ड पर बने यात्री पड़ाव वाली सीमेंट ...
गुरनाम उस दिन जब क्लास करने कॉलेज पहुँचा, उसे कोई भी पहचान नहीं सका। ठीक वैसे ही जैसे उस ...
जिस समय विक्की अपना सफर पूरा कर बस से उतरा, दोपहर ढल चुकी थी। वैसे भी ठंढ के मौसम ...
गुरनाम के तर्क का महादेव को कोई जवाब न सूझा। लेकिन यह भी सच था कि गुरनाम के केश ...
अगली सुबह लगभग आठ बजे का समय रहा होगा, जब महादेव गुरनाम के कमरे पर पहुँचा। उसे हॉस्टल में ...