किस्से ज़िन्दगी के....ज़िन्दगी कभी किस्सों में तो कभी हिस्सों में सिमटी सी रहती है ।ये किस्से कभी किसी शाम ...
निद्रा शरीर रुपी मकान का एक महत्वपूर्ण उपस्तम्भ - निद्रा के अधीन है 6 द्वंद दोस्तों हम सभी जानते ...
1). आरज़ू ...हूँ मदहोश सरहोश आज बेहोंश हूँ कहीं हूँ खामोश पर मन्द ही मन्द कुछ कहती हूँ अभीसोचती ...
1). राहें......है चाह राहगीर को राह खत्म हो जाने कीहै चाह राहगीर को मन्ज़िल पाने कीराह में थका वो ...