एकांश और आस्था एक दूसरे की बाहों में सुकून से सुकून नींद भरी सो रहे थे हर रोज की ...
आस्था आंखें बंद करके एकांश की छुअन अपने गले पर और कंधे पर महसूस कर रही थी बेचैनी से ...
जरूरत नहीं है जाकर काम कीजिए और हां दूसरी लड़कियों से चिपक चिपक चिपक कर बातें भी कीजिए आस्था ...
आस्था तैयार होकर नीचे आ गई थी और अपने आप सारी नजरें उसकी तरफ मुड़ गई थी हर कोई ...
आस्था हमारी बात तो सुनिए एकांश आस्था के केबिन में आ चुका था हमें कुछ नहीं सुनना चाहिए जाकर ...
लेकिन फिर भी हम हर बार ऐसी गुस्ताखी करना चाहेंगे फिलहाल के लिए इतनी काफी है एकांश ने नशीली ...
एकांश के साथ बिताए हसीन लम्हों को याद करते हुए जल्दी-जल्दी फ्रेश हुई अपना हमेशा का रूटीन फॉलो कर ...
फिर से हमारे दूर होने का मजाक मत कीजिएगा वरना आस्था ने उसे धमकी देते हुए कहा और बदले ...
एक दूसरे को दूर से ही देख कर दोनों ने अलविदा कहा और अपने अपने रास्ते पर निकल गए ...
आए आई लव यू टू कुंवरजी आस्था ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा और जवाब में एकांश ने ...