“व्शी ....!!! जानेमन ! अकेले- अकेले कहाँ चल दीं ...हमसे कहा होता ...संग चल देते ” कराटे क्लास ...
कहानी, आज के युग में मानव मन में मरती सम्वेदना और बचती सम्भावना के बीच की कशमकश से ...