सुबह 7 बजे का वक़्त है। जावेद साहब, बरामदे में बैठ कर पेपर पढ़ रहे हैं, बेगम से भी ...
वो रोज ही सुबह की चाय बालकनी में घूमते हुए पीती थी। उसे ताज़ी हवा में घूमते हुए चाय ...
पूरे 20 सालों के बाद आज उसे देख रहा था। उसके चेहरे पर वही ताज़गी, वही मासूमियत अब भी ...
ये कहानी एक ऐसी लडकी की है, जो ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहती है; IAS बन देश सेवा करना ...
रहने वाली वो परी थी ख़्वाबों के शहर में, शहर में था उसका एक शीशे का महल। उस महल ...