rakhi jain stories download free PDF

Imperfectly Fits You - 6.1

by rakhi jain
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सत्या के लिए मेरे दोनों चेहरे सच्चे थे नफरत , ईगो वाला भी और साइलेंट लव वाला भी । ...

Imperfectly Fits You - 6

by rakhi jain
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//6th class ##**6th class...!! ये मेरे साथ पढ़े है? मेरी क्लास में थे ? इतना बड़ा दिखने वाला इंसान ...

Imperfectly Fits You - 5

by rakhi jain
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*/मुझे नफरत है .....///वो कही बाहर खाने का बोलते तो पहले शेयर में कितना देना है ये मन में ...

Imperfectly Fits You - 4

by rakhi jain
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/* प्यार या नफरत */अच्छी खासी लाइफ सेटल हो रही है ऐसा लग रहा था जॉब छोटी है पर ...

Imperfectly Fits You - 3

by rakhi jain
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उस मूवी के बाद हमने बहुत सी मूवी साथ में देखी । और हर मूवी के साथ एक अलग ...

मानसिक शांति और विकास

by rakhi jain
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आज कल मानसिक तनाव और मानसिक बीमारी सामान्यतः हैं और इसका कारण है भौतिक सुखों का प्रदर्शन आसानी से ...

Imperfectly Fits You - 2

by rakhi jain
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मेरा तब सेल्फ कॉन्फिडेंस जैसे कब्र में सो गया था इतनी ज्यादा डिप्रेस्ड थी खुद से , परिस्थिति से ...

Imperfectly Fits You - 1

by rakhi jain
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एक प्रेमिका//जो प्रेम करते है वो जानते होंगे प्यार पाने से ज्यादा प्यार करने में सुकून मिलता है । ...

Imperfectly Fits You 7

by rakhi jain
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//मन से मन की बात//सखी (मन मे) - आप मेरे हो सत्या और मैं आपकी हु। मैं आपकी ही ...