अब आगे .....,मुंबई के सिटी हॉस्पिटल......,नीचे फर्श पर गिरे हुए सारे फलों को उठाते हुए मुक्ता सवालिया निगाहों से ...
अस्पताल में दवाओं का गंध हमेशा बना रहता था | और रक्तांश खुराना को इससे हमेशा से नफ़रत थी ...