घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही ...
“क्या हुआ रेवती आज इतना अपसेट क्यो हो”- मोहनी“नही कुछ नही”- रेवती (फीकी सी मुस्कान के साथ)“बधाई हो रेवती ...
इंसाफ की तारीख,दोस्तो कभी कभी अधूरी इच्छाएं लिए लोग दुनिया से चले जाते लेकिन इस दुनिया और दूसरी दुनिया ...
अस्पताल के बेड पर होंठो पर गुलाब की पंखुड़ियों सी फीकी मुस्कान के साथ रेवती बैठी थी। उसके ...
“भाय शुक्ल रेवती के ख्याल मन से जात नही बा? का करी यार”- रमन“कुछ न करा तू दो दिन ...
विवेक दत्त के दो पुत्र श्याम और राधे थे। विवेक दत्त जी ज्यादा पढे लिखे नही थे लेकिन शिक्षा ...
एक जमाने में दामाद की पूंछ परख और स्वागत का तरीका भी अलग ही ठंग का होता था।जब कभी।दामाद ...
“डॉक्टर साहब कुछ भी करिये किसी तरह मेरी बिट्टी को बचा लीजिये नही तो मैं भाइया भाभी को क्या ...
“राहुल मेरे बाबू अभी मुझे आकर सिया रेस्टोरेन्ट में मिलो मुझे तुमसे अभी मिलना है प्लीज बाबू” ये मैसेज ...
व्यापारियों के विरोध के बाद भी अभी तक रबि को छोड़ा नही गया था। जहाँ एक ओर रबि व्यापार ...