S Bhagyam Sharma stories download free PDF

अपराध ही अपराध - भाग 56 (अंतिम भाग)

by S Bhagyam Sharma
  • 465

अध्याय 56 (अंतिम भाग) “आप ढूंढने आए उस बच्चे के बारे में विवरण बिल्कुल स्पष्ट रूप से है। कॉरपोरेशन ...

अपराध ही अपराध - भाग 55

by S Bhagyam Sharma
  • 486

अध्याय 55 उत्तुकोत्तई आंध्र बॉर्डर में बहुत सारी शराब की दुकानें थी। दुकानों पर बहुत सुंदर लाइटें लगा कर ...

अपराध ही अपराध - भाग 54

by S Bhagyam Sharma
  • 648

अध्याय 54 “भगवान, मिट्टी…मैं तो सोचता हूं भगवान जो एक सुंदर कल्पना है। ऐसी एक शक्ति सचमुच में ...

अपराध ही अपराध - भाग 53

by S Bhagyam Sharma
  • 552

अध्याय 53 पिछला सारांश: दामोदर के लड़के विवेक ने कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्णा राज के लड़के जैसे ...

अपराध ही अपराध - भाग 52

by S Bhagyam Sharma
  • 561

अध्याय 52 “इन्होंने कोई गलती नहीं की है सर…इन्हें भी कैद करेंगे तो कैसा होगा सर?” बीच में ...

अपराध ही अपराध - भाग 51

by S Bhagyam Sharma
  • 588

अध्याय 51 पिछला सारांश: कृष्णा राज का लड़का कहकर टू व्हीलर मैकेनिक संतोष को नकली बेटा बनाकर, दामोदरन ...

अपराध ही अपराध - भाग 50

by S Bhagyam Sharma
  • 738

अध्याय 50 “हां आपका नाम क्या है बताया?” “धनंजयन, संतोष।” “संतोष…सर कहकर आदर के साथ बुलाओ। हां आप ...

अपराध ही अपराध - भाग 49

by S Bhagyam Sharma
  • 807

अध्याय 49 पिछला सारांश: ‘कार्तिका इंडस्ट्रीज संस्थापक के कृष्णा राज के गुमशुदा लड़का, सफाई कर्मचारी के घर में ...

अपराध ही अपराध - भाग 48

by S Bhagyam Sharma
  • 731

अध्याय 48 “दो बच्चों का आप और सुमति नाम की पत्नी संतोष नाम से हैं। कचरे के डिब्बे ...

अपराध ही अपराध - भाग 47

by S Bhagyam Sharma
  • 744

अध्याय 47 पिछला सारांश: कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्ण राज का दिया तीसरा असाइनमेंट को पूरा करने के ...