Bhagirathsinh Jadeja

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আপনার সম্পর্কে

I do engineering for earning, poetry for reliving. मत छेड़ मेरे ख़्वाबों को, ख़्वाबों के जज़्बात होते है। ढलते है वे ग़ज़लों में, शायरों के ये अन्दाज़ होते है।

    কোনো উপন্যাস উপলব্ধ নয়

    কোনো উপন্যাস উপলব্ধ নয়